शब्द का अर्थ
|
धौंक :
|
स्त्री० [हिं० धौंकना] धौंकना की क्रिया या भाव। स्त्री० [हिं० धधकना] आग की लपट। लौ।a |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
धौंकना :
|
सं० [सं० धमन या धम्?] १. आग दहकाने के लिए पंखे, भाथी आदि की सहायता से, उस पर निरन्तर जोर की हवा पहुँचाते रहना। (ब्लोइंग) २. उग्रता या कठोरतापूर्वक किसी पर कोई भार रखना या लादना। जैसे—तुमने भी तो छोटे-से लड़के पर मन भर का भार धौंक दिया। ३. दंड के संबंध में उग्रता या कठोरतापूर्वक आदेश देना। जैसे—किसी पर जुरमाना धौंकना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
धौंकनी :
|
स्त्री० [हिं० धौंकना, सं० धमनिका] १. प्रायः चमड़े की थैली का बना हुआ एक उपकरण, जिसे बार-बार खोलकर बन्द करने और दबाने से उसके अंदर भरी हुई हवा नीचे लगी हुई नली के रास्ते आग तक पहुँचकर उसे दहकाने या उसे सुलगाने में सहायक होती है। भाथी। विशेष—प्रायः लोहार, सुनार आदि अपनी भट्ठी सुलगाने के लिए इसका प्रयोग करते हैं। २. धातु, बाँस आदि की वह पतली नली जिससे मुँह से हवा फूँककर आग आदि सुलगाई जाति है। फुकनी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
धौंका :
|
पुं० [हिं० धौंकना] गरमी में चलनेवाली तेज गरम हवा का झोंका। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
धौंकी :
|
पुं०=धौंकिया। स्त्री०=धौंकनी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |